अकेले हो तो अपने अकेलेपन से बात करो.... अकेले हो तो अपने अकेलेपन से बात करो....
दरख़्तों के साए में कई मकान बाकी हैं, आधे अधूरे ही सही कई अरमा बाकी हैं । दरख़्तों के साए में कई मकान बाकी हैं, आधे अधूरे ही सही कई अरमा बाकी हैं ।
ऐसे दया के धाम। गुरूजी तुम्हें करते हैं शत-शत प्रणाम।। ऐसे दया के धाम। गुरूजी तुम्हें करते हैं शत-शत प्रणाम।।
हमें लगा था कि हम एक ही गुनाहगार हैं ब रोज़े क़यामत हज़ारों का पता चला हमें लगा था कि हम एक ही गुनाहगार हैं ब रोज़े क़यामत हज़ारों का पता चला
इश्क़ में ज़िंदगी लिख दूँ या दर्द में मौत लिख दूँ, इश्क़ में ज़िंदगी लिख दूँ या दर्द में मौत लिख दूँ,
एक ख्वाब था जो जीने का सहारा था कोई पराया हो कर भी हमारा था। ना जरूरत से ज्यादा चाह एक ख्वाब था जो जीने का सहारा था कोई पराया हो कर भी हमारा था। ना जरूरत ...